हालात
से बेहाल थी।
चिड़िया
चमन से उड़ गयी॥
इमकान
थे दो ही फ़क़त।
या
रौशनी या तीरगी॥
जिस
जिस को थी रब की तलब।
उस
उस ने पायी ज़िन्दगी॥
ये
नस्लेनौ है साहिबो।
अम्बर
से लायेगी नदी॥
माँ-बाप
की महिमा समझ।
क़ीमत
लगा मत छाँव की॥
चढ़
कर उतरती ही नहीं।
आवारगी
की केंचुली॥
मत
पूछ मेरा फ़ैसला।
तेरी
ख़ुशी मेरी ख़ुशी॥
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