कभी तो राहे-मुहब्बत में ये कमाल दिखे

 

कभी तो राहे-मुहब्बत में ये कमाल दिखे।
बिना बताये उसे मेरे दिल का हाल दिखे।

दिल उस की सारी ख़ताएँ मुआफ़ कर देगा।
बस उस की आँखों में इक मरतबा मलाल दिखे॥

बहार आती है तो फूल भी निखरते हैं।
है दिल में प्यार तो गालों पै भी गुलाल दिखे॥

जवाब जिस का उसे मुझसे चाहिये यारब।
नज़र में उस की मुझे भी तो वो सवाल दिखे॥

हमेशा मैं ही मुहब्बत में किसलिए बिखरुँ। 
कभी-कभार सनम भी तो तंगहाल दिखे।।

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