तेरी
हर एक बात मानी है।
जान!
तुझ पर ही जाँ लुटानी है॥
किस
तरह तुझ को भूल जाएँ हम।
हर कहानी
की तू कहानी है॥
न तो
ख़त हैं तेरे न तसवीरें।
न कोई
ठीक सी निशानी है॥
सिर्फ़
इक बार तूने देखा था।
बस वही
पल तेरी निशानी है॥
कितनी
आसाँ है लय मुहब्बत की।
ताल
से ताल ही मिलानी है ॥
हम को
कैसे हरायेगी दुनिया ।
हम ने
दिल जोड़ने की ठानी है॥
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