हसीनाओं
के जैसे पेश आती है सभी के साथ।
हवा
मिलती तो है सब से, नहीं
टिकती किसी के साथ॥
कहाँ
रह पाते हैं इनसाँ हमेशा रौशनी के साथ।
हज़ारों
हस्तियाँ रुख़सत हुई हैं बेबसी के साथ॥
न
जाने क्यों हमीं को है सुकूनोचैन की चाहत।
ज़माना
तो सँवरता जा रहा है खलबली के साथ॥
हमें
अपनों ने लूटा है है मगर इसमें अजब कुछ नईं।
ग़ज़ब
ये है कि ये क़िस्सा जुड़ा है हर किसी के साथ॥
अवध
की शान के सदक़े मगर ये भी हक़ीक़त है।
बुरा
बरताव करती है रियाया १ जानकी के साथ॥
तमाम
आलम २ बँटा हो सिर्फ़ दो ही दायरों में ज्यों।
कोई
आवारगी में तो कोई बेचारगी के साथ॥
सभी
को याद है "जीना यहाँ मरना यहाँ" * अब तक।
नसीहत
कारगर होती है अक्सर दिल्लगी के साथ॥
भटकती
ज़िन्दगानी हो कि हों लहरें समुन्दर की।
पलट
कर भी पलट पातीं नहीं ज़िंदादिली के साथ॥
कन्हैया
बस तुम्हारा नाम ही जपती रही राधा।
मगर
तुम ने तो खेला खेल भोरी-भामरी के साथ॥
१
जनता, पब्लिक
२ संसार, लोगबाग
*
'मेरा
नाम जोकर' फिल्म
में राज कपूर पर फिल्माया गया गाना "जीना यहाँ मरना यहाँ इस के सिवा जाना
कहाँ"
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