यह अजूबा तो हो नहीं सकता।
सब कुछ अच्छा तो हो नहीं सकता॥
जिस पै आता है उस पै आता है।
दिल सभी का तो हो नहीं सकता॥
चाह को ताक पर रखें कब तक।
यों गुज़ारा तो हो नहीं सकता॥
और कुछ रासता नहीं, वरना।
ग़म गवारा तो हो नहीं सकता॥
अब से बस मुस्कुरा के देखेंगे।
तुम से झगड़ा तो हो नहीं सकता॥
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