हमसे मिल कर भी मुलाक़ात नहीं करते तुम



हमसे मिल कर भी मुलाक़ात नहीं करते तुम।
ये भी कुछ बात हुई बात नहीं करते तुम।

दर्दो-ग़म हमसे लिपटने को खुद तरसते हैं।
पेश, पर ये भी तो सौगात नहीं करते तुम॥

ख़ुद हमीं तुमसे लिपट जाएँ, बता दें सब कुछ।
मुमकिन ऐसे भी तो हालात नहीं करते तुम॥

बारिशें प्यार की कई बार करी हैं तुमने।
बस सही वक़्त पै बरसात नहीं करते तुम।।

बात से बात निकल कर ही सफ़र बढ़ता है।
क्या करें हम भी सवालात नहीं करते तुम।।


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