अपने सीने से लगा लेंगे हमें


अपने सीने से लगा लेंगे हमें।
दिल के टुकड़े ही सँभालेंगे हमें।।

खर्च ले वक़्त हमें कितना भी।
चन्द लमहात बचा लेंगे हमें।।

बख़्त 1 के पास कहाँ है फुरसत।
वक़्त के हाथ खँगालेंगे हमें।।

टूट कर गिर भी गये गर अफ़लाक 2।
भर के बाँहों में उठा लेंगे हमें।।

आप का घर भी हमारा घर है।
आप किस घर से निकालेंगे हमें।।

हाँ! ‘बदी’ 3 ने ही दिया ‘दीन’ 4 को ‘दी’।
कुछ अँधेरे भी उजालेंगे हमें।।




1 भाग्य, क़िस्मत 2 आसमान [बहुवचना] 3 बुराई 4 परोपकार 

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