भले ही तुमने प्रीत निभाई सौदा कर के


भले ही तुमने प्रीत निभाई सौदा कर के ।
फिर भी कहो यह क़र्ज़ उतारें हम क्या कर के ॥

दुनिया भर की ख़ुशियाँ हमने वारीं तुम पर ।
तुमने सौंपा सब का दर्द इकट्ठा कर के ॥

कहा था तुमने कल भी आज ज़रूर आओगे ।
भूल गये तुम फिर से झूठा वादा कर के ॥

कौन करेगा वैसा जैसा तुम करते हो ।
प्यास बुझाते हो अँखियों को गीला कर के ॥

चलिये मान लिया तुम जीते हार गये हम ।
हासिल भी क्या होगा तुमसे झगड़ा कर के ॥

हमने प्यार किया है मन्अ करें तो कहना । 
हर गागर भर देंगे क़तरा-क़तरा कर के ॥ 

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