कहा था जिसको सहेली, उसी ने काट दिया
तुम्हारा नाम तुम्हारी सखी ने काट दिया
कहो तो लेप लगा दूँ तनिक वहाँ भी मैं
कटिप्प्रदेश जहाँ करधनी ने काट दिया
छुआ जो
तुमने धराशायी
हो गया मैं
तो
लगा कि जैसे विटप, वल्लरी ने काट दिया
सभी से कटते कहाँ
हैं वे जाल वे बन्धन
विराट बनके जिन्हें भरथरी ने काट दिया
दरस दिखाया जो स्वामी जी ने अकब्बर को
अहम का शीश अहंकार ही ने काट दिया
हरेक ग्वाल में गोपी छुपी हुई है किशन
मेरा कलेजा तेरी बाँसुरी ने काट दिया
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