बर्फ़ अगरचे पिघल रही होगी

 

बर्फ़ अगरचे पिघल रही होगी

बात कर पर ही टल रहेगी

 

आज हम इतना मुस्कुराये हैं

बेकली हाथ मल रही होगी

 

ये तो लोबान जैसी खुशबू है

कोई मीरा पिघल रही होगी

 

क्या तुम उस वक़्त मिलने आओगे

साँस जब घर बदल रही होगी

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