उम्मीद से लबालब ऐसा वचन मिला है
दिखने में तो है सीपी लेकिन रतन मिला है
ऐ रूह अपने रब का तू शुक्रिया अदा कर
कहते हैं जिसको आदम उसका बदन मिला है
माशूक़ो-आशिक़ों के जोड़े बनाये उसने
जो ख़ुश्बुओं के आशिक़ उनको चमन मिला है
जिनके दिलों में छमछम उनको मिली है सरगम
है आग जिनके दिल में उनको हवन मिला है
दानी का ओहदा उसने बख़्शा नहीं सभी को
बहुतों को धन मिला पर कुछ को ही मन मिला है
जब जब भी नैन मूँदे और ध्यान है लगाया
ख़ुद में धरा मिली है ख़ुद में गगन मिला है
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