मज़ाक उड़ाती हुई बेरुख़ी ने काट दिया
बवाल दिल में तेरी दिल्लगी ने काट दिया
अनेक बार त’अल्लुक़ के तार जोड़े गए
हरेक बार कनेक्शन किसी ने काट दिया
बना के रक्खा है जिसने कि बावला सबको
मेरा भी ज़ेब उसी बावली ने काट दिया
सुना था नेक बशर फ़ायदे में रहता है
गला ग़रीब का दरियादिली ने
काट दिया
सराब, जिसको ज़माना ख़राब कह्ता है
तमाम दश्त का रस्ता इसी ने
काट दिया
कहा था उससे सभी को न काटना फिर भी
जो छाँटना था उसे भी मुई ने
काट दिया
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