वो मुसीबत खड़ी हो गयी है
हर ख़ुशी मुल्तवी हो गयी है
इस क़दर है घुटन ज़िन्दगी में
शायरी लाज़िमी हो गयी है
वक़्त बदलेगा सब कह रहे थे
वक़्त बदले सदी हो गयी है
साँस तो हम सभी ले रहे हैं
ख़ुशबुओं की कमी हो गयी है
हैं करम इक फ़रिश्ते के मुझ पर
रौशनी रौशनी हो गयी है
सुन के आया हूँ कान्हा की मुरली
मन की जोगन धनी हो गयी है
आपसे तो उसे इश्क़ है न
हमसे तो बेरुख़ी हो गयी है
बाम पर अब नहीं आयेगी वो
उसकी बेटी बड़ी हो गयी है
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