Ghazals of Navin C. Chaturvedi
अपुन दौनों के ग़म अब एक जैसे रह नहीं पाये
तभी तो आपसे हम दिल की बातें कह नहीं पाये
ग़मों के और ख़ुशियों के कई पल तेरे जाते ही
उमड़ तो आये आँखों में, घुमड़ कर बह नहीं पाये
नयी दुनिया बसाने की घड़ी मुश्किल से आयी थी
मगर तक़दीर तो देखो कि खंडर ढह नहीं पाये
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