उस
में रह कर उस के बाहर झाँकना अच्छा नहीं।
दिल-नशीं
के दिल को कमतर आँकना अच्छा नहीं॥
जिस
की आँखों में चहकते और महकते ख़ाब हों।
उस
की ख़ामोशी को भी सुनना,
समझना चाहिये।
हर
घड़ी बस अपनी-अपनी हाँकना अच्छा नहीं॥
एक
दिन दिल ने कहा जा ढाँक ले अपने गुनाह।
हम
ने सोचा आईनों को ढाँकना अच्छा नहीं॥
प्यार
तो अमरित है उस के रस का रस लीजै 'नवीन'।
बैद
की बूटी समझ कर फाँकना अच्छा नहीं॥
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