खाली-पीली वबाल क्या करना ।
आओ सीखें मुक़ाबिला करना ।।
जिनकी बुनियाद ही मुहब्बत हो
।
उनके हक़ में सदा दुआ करना ।।
हम तो ख़ुद ही निसार हैं तुम
पर ।
चाँद-तारे निसार क्या करना
।।
जब वे खुद को तलाश लें, खुद में ।
बेटियों को तभी विदा करना ।।
बातें करते हुए - हुई मुद्दत
।
आओ सोचें, कि अब है क्या करना ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें