आप की
नज़रों से पी कर ही ख़ुमार आता है।
आप होते
हैं तभी दिल को करार आता है॥
आप होते
हैं तो घर लगता है घर के जैसा।
आप होते
हैं तो हर शय पे निखार आता है॥
एक झोंका
भी हवा का नहीं आता इस ओर।
दिल
भले लाख बहारों को पुकार आता है॥
ख़्वाब
में नींद से उठ कर दिले-नादाँ अक्सर।
आप के
आने के रसतों को बुहार आता है॥
आप होते
हैं तो लगता है कि ज़िन्दा हैं 'नवीन'।
वरना
दरिया में उतरने का विचार आता है॥
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