और मुहब्बत क्या करेगी

और मुहब्बत क्या करेगी।
अपना ही दम घोंट लेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

सब की तारीफ़ें करेगी।
दोस बस हम पर मढेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

आ गयी फिर याद उन की।
दर्द को दुगुना करेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

सर्द हो जायेंगी साँसें।
ओस अँखियों से झरेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

जिस्म पड़ जायेगा ठण्डा।
रूह की बाती जलेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

कोई हम जैसा नहीं है।
इस भरम को तोड़ देगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

सामने ला-ला के उस को।
मूँग छाती पर दलेगी॥
........ और मुहब्बत क्या करेगी

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