आदमी के हाथ में पैसे नहीं ।
दोस्त ये हालात कुछ अच्छे नहीं
॥
क्या समय था सर किया था शून्य
को ।
अब तो मिसरे1 तक समझ पाते नहीं ॥
वक़्त को दरकार है इक बादशाह ।
और हम शतरंज के मुहरे नहीं ॥
ये भला किस तर्ह की तालीम2 है।
आदमी चलता रहे, सोचे नहीं ॥
इस तरह बाँटो न हम को पीस कर
।
हम बशर3 हैं - ताश के पत्ते नहीं
॥
1 वाक्य 2 शिक्षा प्रणाली 3 मनुष्य
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